Saturday, April 26, 2008

हृदयेंद्र की भडास पर एक पोस्ट

अभी भड़ास पढ़ रहा था की उसपर मेरे बेहद सम्मानीय अनिल भरद्वाज जी के कमेंट पढने को मिल गए .....क्या अनुभूति हुयी..कैसे कहूँ....तोः जान लीजिये....अनिल दादा के बारे में ...दैनिक भास्कर में सीनियर सब एडिटर हैं....सही बात कहने के आदी..आपको अच्छी लगे तोः बल्ले बल्ले, वरना पतली गली से निकल ले...हम सब अपने घरों से दूर थे लेकिन अनिल दादा का हंसोड़ और मस्त व्यवहार सबको बड़ा भाता था....हम सब काबिल और तेज लड़के थे लेकिन अनुभव और दुनियादारी की बेहद कमी... अनिल दादा जब देखते की हम लोग कोई चुतियापा कर रहे हैं तोः तुरंत सलाह देते .....वोः भी २४ कैरेट शुद्ध....इधर अनिल दादा ने भडास पर मुझे देखा और बेहद शानदार सलाह दे डाली...धन्यवाद दादा .......दरअसल यूं तोः हममे और इनकी पीड़ी में खासा फर्क था..हम ब्रांडेड के दीवाने खासकर मैं( मेरे पिताजी कहते हैं...ब्रांडेड सोचो, ब्रांडेड पहनो, ब्रांडेड करो) येः सलाह इतना पसंद आई की आजतक ब्रांड का भूत मेरा पीछा नही छोड़ता है...और अनिल दादा बेहद सरल जीवन जीने के आदी....पहले तोः लगा की यार इन ओल्ड मॉडल लोगों को कैसे झेलूँगा पर जब नजदीक आता गया तोःइन सब के प्रति श्रद्धा और सम्मान मन में उपजा...
आज बडे दिन बाद अनिल दादा को देखा तोः रहा नही गया उनके प्रति आभार प्रकट करने से...और हाँ अनिल दादा लुधियाना में नवीन सर और राजीव सर से मेरा प्रणाम कहियेगा....इनके प्रति मेरे मन में सिर्फ़ और सिर्फ़ श्रद्धा ही हो सकती है...और कुछ नहीं....बाकी उम्मीद है भास्कर में बुरे लोग अभी भी जिंदा होंगे उन्हे भी जिंदा रहने का हक है...और आपकी लड़ाई उनके ख़िलाफ़ जारी होगी.....लगे रहिये..प्रेम देने में और बुरे लोगों से लड़ने में...

1 comment:

batish for environment said...

Badaa ho gaya hai is liye la mail id bhi nahi nahi diya. Accha hai Agar kisi senior ki tareef karte ho vaise is line mein tareef kam hi sunne ko milti hai. Maine bhi business bhaskar ludhiana join kar liye, newsmanbatish@gmail.com
Naresh batish